भारत के प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्य

❇️ भारत के प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्य

✅नल सरोवर पक्षी अभ्यारण्य
🔶भारत के गुजरात राज्य में सानंद गाँव के पास अहमदाबाद के पश्चिम में लगभग 64 किमी की दूरी पर स्थित है। जिसमें मुख्य रूप से 120.82 वर्ग किलोमीटर की झील और परिवेशीय दलदल शामिल है, इसमें लगभग 36 छोटे द्वीप हैं । यहां 200 से ज्यादा पक्षियों के प्रजातियों का वास है । 
🔶सर्दियों के मौसम में यहां साइबेरियन क्रेन के अलावा रोसी पेलिकन से लेकर ब्राह्मण बत्तख , सफेद स्टॉर्क , निटरटे , ग्रिब्स , फ्लेमिंगो , कैक्स जैसे पक्षी निवास करते हैं । नलसरोवर पक्षी अभ्यारण्य को सितंबर , 2012 से रामसर स्थल के रूप में घोषित किया गया है । गुजरात तथा पूर्वी सौराष्ट्र के मध्य स्थित है।

✅कार्बेट नेशनल पार्क
🔶उत्तराखण्ड हिमालय की तलहटी में स्थित कार्बेट नेशनल पार्क भारत के वन्यजीव अभ्यारण्य के साथ साथ दुनिया के चर्चित राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है । कुदरत ने यहां जमकर अपना वैभव बिखेरा है । 
✅स्थापना के समय उद्यान का नाम हैली 
🔶नेशनल पार्क रखा गया था । बाद में इसका नाम महान संरक्षणवादी और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट के सम्मान में रखा गया । जिम कॉर्बेट ने 1907 से 1939 के बीच उत्तराखंड के कुमाऊं जिले में आदमखोर बन चुके बाघों का शिकार किया था । जिम कॉर्बेट पारिस्थितिकी और वन्यजीवों खासकर बाघों के संरक्षण के पक्ष में थे और इसी वजह से भारत में ‘ बाघ बचाओ ‘ परियोजना का शुभारंभ करने के लिए जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को चुना गया था । 
🔶इस प्रोजेक्ट का मूल इरादा प्रकृति के पारिस्थितिकी के संतुलन को बनाए रखना और वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना था।

✅दुधवा राष्ट्रीय उद्यान
🔶उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में स्थित संरक्षित वन क्षेत्र है। यह भारत और नेपाल की सीमाओं से लगे विशाल वन क्षेत्र में फैला है । यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एवं समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है । 
🔶यह राष्ट्रीय उद्यान बाघों और बारहसिंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है।दुधवा उद्यान स्थापना के समय से ही पर्यटकों , पर्यावरणविदों और वन्य – जीव प्रेमियों के आकर्षण का केन्द्र रहा है । थारू हट और सफारी की सुविधाएं पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं।

✅मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान
🔶यह वन्यजीव अभ्यारण्य नीलगिरि जिले के उत्तर – पश्चिम की ओर , नीलगिरि जिले में , तमिलनाडु के कोंगु नाडु क्षेत्र में कोयम्बटूर शहर से लगभग 150 किलोमीटर उत्तर – पश्चिम में स्थित है । 
🔶कर्नाटक और केरल राज्यों के साथ अपनी सीमाओं को साझा करके , अभ्यारण्य को 5 श्रेणियों में विभाजित किया गया है। मुदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य केरल – कर्नाटक सीमा पर स्थित है । 321 वर्ग किमी. में फैले इस अभ्यारण्य के पास ही बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान है । इन दोनों उद्यानों को मोयार नदी अलग करती है ।

✅डम्पा टाइगर रिजर्व
🔶डम्पा टाइगर रिजर्व मिज़ोरम राज्य की राजधानी आईजोल के पास स्थित यहाँ का सबसे बड़ा वन्य जीवन अभ्यारण्य है जिसे 1985 में अधिसूचित किया गया और 1994 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। डम्पा टाइगर रिजर्व लगभग 550 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है।आईजोल से लगभग 130 किमी दूर स्थित दम्पा टाइगर रिजर्व की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल के बीच है । 
🔶अभयारण्य में आने से पहले , आगंतुकों को मिजोरम के पर्यावरण और वन विभाग से संपर्क स्थापित करने की आवश्यकता होती है । यह अभ्यारण्य राज्य की उत्तरी – पश्चिमी सीमा पर स्थित है और पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ 80 किमी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है ।

✅पेरियार वन्यजीव अभ्यारण्य
🔶पेरियार राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण भारत के केरल राज्य में इडुक्की जिले से 60 km दूर थेक्कडी में इलायची हिल्स की पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान एक बाघ संरक्षित क्षेत्र है । 
🔶इस उद्यान की स्थापना 1950 ई . में की गयी थी और 1978 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया । 1998 से इसे ‘ हाथी संरक्षण परियोजना ‘ के अंतर्गत भी रखा गया है । 305 वर्ग किमी में फैला यह उद्यान बायोडायवर्सिटी का एक अच्छा उदाहरण है ।
🔶यंहा की प्रमुख जीवजंतुओं में हाथी, नील गाय, साम्भर, भालू , चीता, तेन्दुआ, जंगली सूअर, बार्किंग हिरन आदि है। इस उद्यान के वन्य जीवों को भली प्रकार से देखने के लिए बोटिंग की सुविधा भी दी जाती है। यहाँ नदी के गहरे जल में हाथी तैरने का अभ्यास भी करते हैं।

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